देहरादून से महज ढाई घंटे में देश की राजधानी दिल्ली पहुंचने का सपना जल्द ही साकार होने जा रहा है, उम्मीद है कि अगले 1 से 2 महीने के भीतर दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड का शुभारंभ किया जा सकता है, एक्सप्रेसवे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, दिल्ली- देहरादून एलिवेटेड एक्सप्रेसवे की तमाम खासियत हैं, जो न सिर्फ लोगों को काफी पसंद आएंगी, बल्कि वन्य जीव संरक्षण के दृष्टिगत भी कारगर साबित होंगी।
दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड का काम जोर शोर से चल रहा है, वर्तमान स्थिति यह है कि देहरादून की तरफ से एलिवेटेड रोड का अधिकांश काम पूरा हो चुका है, उत्तराखंड सीमा पर टनल निर्माण का काम चल रहा है, इसके साथ ही टनल से कुछ किलोमीटर के बीच सड़क को दुरुस्त करने के साथ ही सुरक्षा संबंधित उपाय किए जा रहे हैं।
दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, देहरादून के आशारोड़ी से लेकर मोहंड तक का क्षेत्र है, क्योंकि इस हिस्से में एलिवेटेड रोड बनाई गई है, जो जंगल और बरसाती नाले के ऊपर से होकर गुजरेगी, उम्मीद है कि 14,285 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य नवंबर महीने तक पूरा हो जाएगा, इसके बाद नवंबर महीने के अंत में इस एक्सप्रेसवे का सेफ्टी ऑडिट कराए जाने के बाद दिसंबर महीने में इस पर सफर शुरू हो जाएगा, दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 213 किलोमीटर है।
यह देश की तीसरी एलिवेटेड रोड है, जो पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, इसके साथ ही इस एलिवेटेड रोड की तमाम खूबियां हैं, इनमें मुख्य रूप से वन्य जीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए भी इस एलिवेटेड रोड पर काम किए गए हैं, दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद देहरादून से दिल्ली की दूरी 6 घंटे से घटकर करीब ढाई घंटे हो जाएगी, इसके साथ ही हरिद्वार से दिल्ली का सफर 2 घंटे और ऋषिकेश से दिल्ली पहुंचने का सफर सिर्फ 3 घंटे का हो जायेगा, इस एलिवेटेड रोड की खास बात ये है कि इस एक्सप्रेसवे पर एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बन रहा है।
इस कॉरिडोर के ऊपर वाहन चलेंगे तो वहीं, कॉरिडोर के नीचे हाथी समेत अन्य वन्य जीव आ जा सकेंगे, करीब 213 किलोमीटर लंबे देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे का काम कुल 11 चरण में चल रहा है, इस एक्सप्रेसवे का काम नवंबर 2024 तक पूरा होने की संभावना है, दिल्ली से देहरादून आने वाले यात्रियों को एलिवेटेड रोड पर सफर करने के दौरान उत्तराखंड राज्य की खूबसूरत पहाड़ियों के दीदार होंगे, एलिवेटेड रोड, का करीब 12 किलोमीटर हिस्सा जंगलों के बीच से होकर गुजरेगा, साथ ही दोनों तरफ पहाड़ियां नजर आएंगी।
अत्यधिक शोरगुल से वन्य जीव विचलित हो जाते हैं, खासकर रात के समय जब वाहन चलते हैं और हॉर्न बजाते हैं, तो उसकी ध्वनि काफी दूर तक सुनाई देती है, यही वजह है कि राजाजी नेशनल पार्क के बीच से गुजरने वाले इस एलिवेटेड रोड के हिस्से में ध्वनि नियंत्रण सेंसर भी लगाए गए हैं, वन्य जीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इन सेंसरों को लगाया गया है, ताकि वाहनों की ध्वनि से वो विचलित ना हों, इसके अलावा, एलिवेटेड रोड पर साउंड बैरियर भी लगाए गए हैं, इससे वाहनों का शोर वन्य जीवों को सुनाई नहीं देगा. साथ ही सुरक्षा के लिहाज से दोनों ओर बैरियर भी लगाए गए हैं।