देहरादून में गुरुकुल नारसन उप संस्थान में मैसर्स वासू स्टील के मीटर से छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद ऊर्जा निगम सख्त है और मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पूरे प्रकरण की विभागीय जांच कराई जाएगी, ताकि सभी जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जा सके। इसके साथ ही प्रबंध निदेशक ने प्रदेश की सभी लैब में मीटर जांच में पारदर्शिता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही मुख्यालय से निगरानी और कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश हैं।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि बीते 30 सितंबर को 33/11 केवी उपसंस्थान गुरुकुल नारसन में वासू स्टील के मीटर से छेड़छाड़ करते हुए कुछ लोगों को पकड़ा गया। मामले की गंभीरता देखते हुए उसी दिन उपनल के माध्यम से कार्यरत एसएसओ अकरम अली और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ थाना मंगलौर में एफआइआर दर्ज कराई गई और अकरम अली को सेवा से हटाने की कार्रवाई भी की गई।
इसके अलावा निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विद्युत वितरण उपखंड मंगलौर के उपखंड अधिकारी अनुभव सैनी और विद्युत वितरण उपखंड लंढौरा के उपखंड अधिकारी गुलशन बुलानी (जो अधिशासी अभियंता ग्रामीण रुड़की का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में अनुभव सैनी को मुख्य अभियंता (वितरण) कुमाऊं हल्द्वानी और गुलशन बुलानी को मुख्य अभियंता (वितरण) रुद्रपुर कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
ऊर्जा निगम के निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेशभर की सभी प्रयोगशालाओं पर निगरानी कड़ी कर दी गई है। रुड़की लैब में यदि किसी कारणवश मीटरों की जांच नहीं हो पाती तो अन्यत्र जांच कराई जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि लापरवाही या मिलीभगत सामने आने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि निगम की सभी लैब एनएबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज) से प्रमाणित हैं। अब अभियंताओं की जवाबदेही तय कर कार्यप्रणाली को और पारदर्शी बनाया जा रहा है।