उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। जांच एजेंसी ने इस मामले में मास्टरमाइंड खालिद, उसकी दो बहनों और प्रोफेसर सुमन को आरोपी बनाया है। इस मामले में अब यूपी पुलिस की एंट्री हो गई है। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने खालिद के खिलाफ बी वारंट कोर्ट में दाखिल किया है।
वारंट के आधार पर मेरठ एसटीएफ जल्द आरोपी को अपने यहां ले जाकर अपने केस में रिमांड लेने के साथ ही पूछताछ करेगी। खालिद यूपी पुलिस कब लेकर जाएगी, इसकी तिथि अब कोर्ट ने तय नहीं की है। बीते 21 सितंबर को हुई आयोग की परीक्षा के पेपर लीक मामले में सीबीआई ने मुकदमे में खालिद, सुमन, हिना और साबिया को नामजद आरोपी बनाया है। अब तक यूकेएसएसएससी पेपर लीक की जांच कर रही दून पुलिस की एसआईटी ने खालिद के नकल माफिया गैंग से संबंधों की जानकारी मिली थी। वर्ष 2023 में यूपी एसटीएफ की तरफ से मेरठ के सिविल लाइंस थाने में दर्ज केस में खालिद वांटेड था।
खालिद का नाम यूपी एसटीएफ के पास था। हालांकि, यूपी एसटीएफ उसका पता नहीं जुटा पाई थी। इसलिए मामले में उसकी तलाश चल रही थी। इस बीच, दून पुलिस की एसआईटी जांच में खालिद के यूपी के पेपर लीक गैंग से तार जुड़े होने के तथ्य मिलने शुरू हुए। इस दौरान यह भी पता लगा कि उत्तर प्रदश में पकड़े गए नकल गैंग को तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराने में खालिद शामिल था।
मेरठ एसटीएफ को खालिद का नाम-पता पता चला तो उन्होंने तस्दीक शुरू की। कुछ दिन पहले मेरठ पुलिस ने देहरादून कोर्ट में खालिद को बी वारंट पर ले जाने का आवेदन किया। इसके बाद सामने आया कि खालिद पेपर लीक में नया चेहरा नहीं, बल्कि पुराना मास्टरमाइंड है। सूत्रों के मुताबिक खालिद के 21 सितंबर के पेपर लीक में एसआईटी यूपी के गैंग के संपर्क खंगाल रही थी। इसके तकनीकी दस्तावेज मिल पाते, इससे पहले ही केस ट्रांसफर हो गया है। अब सीबीआई को मामले में खालिद के यूपी के पेपर लीक गैंग से कनेक्शन खंगालना होगा।

			

