उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आवाहन पर बुधवार को चक्का जाम का व्यापक असर देखने को मिला। गढ़वाल मंडल के रूट पर बसे और टैक्सी वाहन नहीं चले। इससे यात्रियों को काफी दिक्कत हुई जो टैक्सी वाहन बाहर से सवारियां लेकर आए थे उन्हें प्रदर्शनकारी परिवहन कारोबारी ने इंद्रमणि बडोनी चौक पर रोक दिया। दिन भर नोक झोक चलती रही। सुबह 6:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक 11 घंटे वाहन चले नहीं।
बिना किराया बढ़ाए हर साल 5 फीसदी टैक्स में वृद्धि, फिटनेस सेंटर एआरटीओ कार्यालय ऋषिकेश में खोले जाने, डग्गामार वाहनों पर अंकुश लगाए जाने सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर महासंघ ने बुधवार को चक्का जाम का ऐलान किया था। सुबह 6:00 बजे से शाम के 5:00 तक चक्का जाम रहा। गढ़वाल मंडल के रूट पर सुबह 3:00 से बसों का संचालन शुरू हुआ। ऋषिकेश यात्रा बस अड्डे से सुबह 6:00 से पहले जाने वाली बसें भी रूटों पर नहीं गई। सुबह 6:00 बजे से ही परिवहन कारोबारी है।
यात्रा बस अड्डे पर पहुंच गए थे। कुछ टैक्सी वाहन वहां से निकल रहे थे उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद परिवहन कारोबारी इंद्रमणि बडोनी चौक पर पहुंचे चौक पर कारोबारियो ने सांकेतिक प्रदर्शन किया। बाहरी राज्यों से जो वाहन आ रहे थे उन्हें गढ़वाल मंडल के रूटों पर नहीं जाने दिया गया।
देहरादून की तरफ से भी कोई टैक्सी वाहन सवारी लेकर नहीं गया। उन्हें भी रोक दिया गया। बाहरी राज्यों में कई निजी नंबरों को भी पकड़ा गया। इस दौरान काफी नोक झोंक भी देखने को मिली। शाम तक परिवहन कारोबारी इंद्रमणि बडोनी चौक पर रहे। पूरे दिन बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों को दिक्कत उठानी पड़ी। कई लोगों ने चक्का जाम की सूचना पर पहले ही अपनी यात्रा स्थगित कर दी थी। कुछ लोग वापस घर लौट गए।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के संयोजक संजय शास्त्री ने बताया कि परिवहन कारोबारियों का चक्काजाम सफल रहा है। व्यवसायियों ने चक्काजाम में अपना पूर्ण सहयोग दिया।कहा कि वह शासन से परिवहन कारोबारियों की समस्याओं का निदान करने को लगातार बातचीत कर रहे है। लेकिन अधिकारी समस्या के निदान को गंभीर नहीं है। जिसके चलते आंदोलन करना पड़ा है।

			

