वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लगातार आठवीं बार आम बजट 2025 पेश किया, इस बजट में मध्यम वर्ग के बोझ को कम करने के लिए आयकर दरों/स्लैब में कटौती या बदलाव किया गया, यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, इसे भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और आर्थिक विकास दर के चार साल के निचले स्तर पर पहुंचने की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीदों के अनुरूप मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को पूरी तरह से कर मुक्त किये जाने की घोषणा की, यह छूट नई आयकर व्यवस्था में दी गयी है, मानक कटौती 75,000 रुपये के साथ नौकरीपेशा लोगों को अब 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा, वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मध्यम वर्ग के लोगों के पास खपत के लिए अधिक पैसे बचेंगे, साथ ही निवेश और बचत भी बढ़ेगी।
वित्त मंत्री ने इसके साथ अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव किया. इसके तहत, अब चार लाख रुपये सालाना आय पर कोई कर नहीं लगेगा, चार से आठ लाख रुपये पर पांच प्रतिशत, आठ से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 12 लाख से 16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत तथा 24 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, प्रत्यक्ष कर छूट से सरकारी खजाने पर एक लाख करोड़ रुपये का बोझ आएगा।