देहरादून में अतिवृष्टि के बाद दूरस्थ गांव का शहर से संपर्क कटा तो डीएम ने तत्परता दिखाई। जिलाधिकारी सविन बंसल पथरीले रास्तों पर पगडंडी नापते हुए नदी पार कर प्रभावितों के द्वार पहुंच गए। यहां उन्होंने ग्रामीणों ने समस्याएं सुनी।
मिसरास पट्टी के बटोली मजरे में पहुंचे जिलाधिकारी सविन बंसल ने लोक निर्माण विभाग को गांव से थान गांव तक वैकल्पिक सड़क मार्ग तैयार करने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को मौजूदा कोटी-बटोली मार्ग को लोक निर्माण विभाग को सौंपने के लिए भी कहा। उन्होंने तहसीलदार को ग्रामीणों की समस्या के निराकरण के लिए गांव में शिविर लगाने के लिए कहा। ग्रामीणों को तीन माह तक किराये पर कमरे लेकर रहने के लिए 3.64 लाख रुपये की धनराशि के चेक भी वितरित किए गए।
बृहस्पतिवार सुबह बटोली गांव में खुली बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में शामिल होने के लिए जिलाधिकारी कोटी से करीब ढाई किलोमीटर के दुर्गम रास्ते पर पैदल चलकर नीचे गांव में पहुंचे। उसके बाद करीब 500 मीटर खड़े पहाड़ पर बनाए गए अस्थाई रास्ते को पार किया। बैठक के दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को समस्या बताते हुए मांगों से अवगत करवाया।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को बरसात में बार-बार क्षतिग्रस्त होने वाले रास्ते को खोलने और सफाई के लिए तीन माह तक 24 घंटे श्रमिक और मशीनरी तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने तहसीलदार विवेक राजौरी से कहा कि ग्रामीणों की समस्या सुनने और उनके निराकरण के लिए वह गांव में शिविर लगाएं।
जिलाधिकारी ने एसडीएम विनोद कुमार से कहा कि गर्भवती और शिशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए गांव में नियमित रूप से एएनएम को भेजा जाए। उन्होंने अधिकारियों को आपदा की स्थिति में राहत कार्यों के लिए गांव के पास 15 दिन में हैलीपेड बनाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने गांव के सभी परिवारों को तीन माह तक किराये पर कमरे लेकर रहने के लिए 3.84 लाख रुपये के चेक दिए।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बटोली गांव की सड़क के सुधार के लिए 3.89 लाख रुपये जारी किए। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि गांव तक आवागमन के लिए झूलापुल के निर्माण के सर्वे के लिए सचिव लोनिवि को पत्र लिखा गया है। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर अधिकारियों को गांव में 20 सोलर लाइट लगाने के लिए भी निर्देशित किया।
मलबे के पहाड़ से बटोली मजरे तक जाने वाले वाला अस्थाई रास्ता बुधवार का बारिश के दौरान पूरी तरह से बह गया। बुधवार रात से बृहस्पतिवार सुबह तक सड़क का निर्माण कार्य चलता रहा। जिस अस्थाई रास्ते के निर्माण की मांग ग्रामीण तीन माह से कर रहे थे। लोक निर्माण विभाग ने उसे रातोंरात तैयार कर दिया।