उत्तराखंड में नकली और मिथ्या छाप (नकली लेबल) दवाओं का कारोबार करने वाले गिरोह पर औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ा शिकंजा कसा है। हरिद्वार में भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गई और दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं,दून में एक आरोपी परिवार समेत फरार हो गया है।
जनपद हरिद्वार के रुड़की के मकतूलपुर इलाके में शनिवार को औषधि विभाग की टीम ने चार अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में मिथ्या छाप दवाओं का जखीरा बरामद हुआ। मौके से नरेश धीमान और योगेश गुलाटी को गिरफ्तार किया गया।मौके पर बुलाए गए कंपनी प्रतिनिधि ने इन दवाओं को नकली बताया। दवाओं को सील कर जांच के लिए भेजा गया है। कार्रवाई का नेतृत्व वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनिता भारती और औषधि निरीक्षक अमित आजाद ने किया।
दून में औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा की अगुआई में कारगी ग्रांट स्थित ओंकार विकास मेडिकोज पर छापा मारा गया। दुकान के संचालक दिले राम अपने पूरे परिवार के साथ फरार मिला।उसकी दुकान और घर दोनों बंद मिले। पूछताछ में सामने आया कि पटेलनगर में देव ऋषि एनक्लेव निवासी दिले राम देश के कई राज्यों में नकली दवाओं की बिक्री करता रहा है। उसके सभी मोबाइल नंबर बंद पाए गए।
सेलाकुई स्थित डॉक्टर मित्तल लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड पर भी औषधि विभाग ने दबिश दी। इस दौरान इसका संचालन बंद मिला। कंपनी में पहले भरी अनियमितताएं पाई गई थी और विभाग ने उसका लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की है।कार्रवाई के दौरान औषधि निरीक्षक निधि रतूड़ी व विनोद जागीरी भी उपस्थित रहे।
अपर आयुक्त व औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि जैसे ही विभाग को जानकारी मिली, तुरंत कार्रवाई की गई। यह जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ है और इसके लिए दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने बताया कि गिरोह का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ है।प्रारंभिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि यह गिरोह केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि देश के कई राज्यों में मिथ्या छाप दवाएं सप्लाई कर रहा था।अन्य राज्यों के औषधि नियंत्रकों से भी संपर्क कर पूरे रैकेट का खुलासा किया जाएगा। जब्त दवाओं की रिपोर्ट आने पर दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।