उत्तरकाशी में आपदा प्रभावित धराली व हर्षिल क्षेत्र में राहत एवं बचाव का काम जारी है। रविवार को आपदा के छठे दिन हेलीकाप्टर के जरिए राहत एवं बचाव का काम जारी रहा। इस दौरान कुल 185 सहित अब तक कुल 1311 लोगों को निकाला जा चुका है। बीआरओ को रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। गंगोत्री हाईवे पर लिमचीगाड़ में बैली ब्रिज जोड़ने का काम पूरा हो गया।
सैलाब के मलबे में दबे धराली को तीन सेक्टरों ए, बी व सी में बांटकर लापता लोगों की गहन रुप से तलाश की जा रही है। इस काम में एनडीआरएफ की 114 सदस्यीय टीम डाग स्क्वाइड के साथ ही सेना व एसडीआरएफ की टीम भी आधुनिक उपकरणों के साथ मदद कर रही है। इधर, गंगोत्री हार्ठवे पर लिमची गाड में वैली ब्रिज को जोड़ने का काम अंतिम चरण में है, जिससे देर शाम तक आवाजाही बहाल होने की उम्मीद है।
बीते 5 अगस्त को धराली में खीरगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद एक युवक का शव मिला है। जबकि सेना के 9 जवान सहित 19 लोग लापता बताये जा रहे थे, जिसमें आठ स्थानीय सहित बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेशों के लोगों की आशंका है। हालांकि आपदा के चश्मदीदों के अनुसार आपदा की चपेट में आए लोगों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है।
आपदा के बाद से ही सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व अन्य राहत एवं बचाव एजेंसियां हादसे में लापता लोगों की तलाश के साथ आपदा प्रभावितों तक राहत सामग्री पहुंचाने में जुटी हुई हैं। वहीं, गंगोत्री हाईवे जगह-जगह बाधित होने से फंसे तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों को हेलीकाप्टर, चिनूृक व एमआइ-17 हेलीकाप्टर से निकाला जा रहा है।
इस काम में एनडीआरएफ की 114 लोगों की टीम को जिम्मेदारी दी गयी है। सेना व एसडीआरएफ की विशेष टीम भी अत्याधुनिक उपकरणों विक्टिम लोकेटिंग कैमेरा, थर्मल इमेजिंग कैमेरा आदि के लिए लापता लोगों की तलाश में मदद कर रही हैं।
जनपद के जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य आपदा के चार दिन बाद मुख्यालय पहुंचे, उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में मूलभूत बिजली, पानी, संचार आदि सेवाओं को युद्धस्तर पर बहाल किए जाने की जानकारी दी। बताया कि जगह-जगह आपदा से क्षतिग्र्रस्त गंगोत्री हाईवे को भी बहाल कर लिया जाएगा, इस कार्य में एक-दो दिन का समय और लगने की संभावना हैं।