भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने एक वरिष्ठ प्रोफेसर को यौन उत्पीड़न के मामले में सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जनवरी में पीएचडी छात्रा की ओर से प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद हुई आंतरिक जांच के बाद संस्थान ने यह कार्रवाई की है। आइआइटी रुड़की के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब यौन उत्पीड़न के मामले में किसी संकाय सदस्य को सेवा से बर्खास्त किया गया है।
दरअसल पीएचडी की एक छात्रा ने जनवरी में संस्थान के अधिकारियों से शिकायत की थी। जिसमें छात्रा ने एक प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जिसके बाद आंतरिक जांच की गई थी। गत 15 अप्रैल को बोर्ड आफ गवर्नर्स (बीओजी) ने बैठक में प्रोफेसर की बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले संस्थान की ओर से प्रोफेसर को अपना पक्ष रखने के लिए दो अवसर दिए गए थे। बर्खास्तगी के समय इन प्रोफेसर की देखरेख में 15 शोधार्थी थे। जानकारी के अनुसार सोमवार को प्रोफेसर को बर्खास्तगी का पत्र सौंप दिया गया है।
उधर, संस्थान के मीडिया सेल के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी होने के बाद संस्थान के एक संकाय सदस्य को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई सेंट्रल सिविल सर्विस (क्लासीफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील) नियमों और संस्थान की वैधानिक प्रक्रियाओं के प्रविधानों के अनुसार की गई है। आइआइटी रुड़की पेशेवर नैतिकता और संस्थागत अखंडता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।