नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक अंतर्गत बड़ौन से क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए बचुली देवी का नामांकन खारिज हो गया, जिससे ग्रामीण काफी आक्रोश में हैं, ग्रामीणों ने हल्द्वानी पहुंचकर एसएसपी और कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के कैंप कार्यालय का घेराव किया।
राज्य आंदोलनकारी और कांग्रेस नेता हरीश पनेरू के नेतृत्व में ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया, इस दौरान उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, हरीश पनेरू का आरोप है कि ओखलकांडा ब्लॉक अंतर्गत बड़ौन से क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए बचुली देवी ने नामांकन किया था, नामांकन के दौरान सभी जरूरी दस्तावेज लगाए गए थे, जिसकी रिसीविंग रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से उन्हें दी गई थी, लेकिन 10 जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच के आखिरी दिन रिटर्निंग ऑफिसर ने कागजात कम होने का हवाला देकर उनका नामांकन पत्र रद्द कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जब ग्रामीणों ने रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव बनाया तो पता चला कि बचुली देवी के नामांकन पत्र से कुछ दस्तावेज गायब हैं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस दौरान महिला प्रत्याशी बचुली देवी के साथ रिटर्निंग ऑफिसर में अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया, इस मामले की शिकायत उन्होंने एसडीएम धारी व पुलिस से भी की, लेकिन एसडीएम और पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।
हरीश पनेरू का कहना है कि भीमताल विधायक अपनी पत्नी को निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य बनाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने उनका नामांकन पत्र रद्द करवाया है, उन्होंने कहा जब तक रिटर्निंग ऑफिसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता तब तक ग्रामीण आंदोलन जारी रखेंगे, वहीं इस मामले पर एसडीएम धारी केएन गोस्वामी का कहना है कि दस्तावेज अधूरे होने पर रिटर्निंग ऑफिसर का अधिकार है कि वह नामांकन पत्र को खारिज कर सकता है, ऐसे में प्रत्याशी न्यायालय का शरण लेकर आगे की कार्रवाई कर सकता है।
बताया जा रहा है कि विधायक राम सिंह कैड़ा की पत्नी कमलेश कैड़ा ने भी बड़ौन क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए नामांकन किया है, कमलेश कैड़ा के सामने चार प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल किया था, जिसमें तीन प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है, बचुली देवी कमलेश कैड़ा के सामने एकमात्र प्रत्याशी थी, जिनका नामांकन रद्द हुआ है, ऐसे में माना जा रहा है कि विधायक की पत्नी कमलेश कैड़ा का निर्विरोध चुनाव जीतना तय है।