देहरादून नगर निगम की बेशकीमती जमीनों को भूमाफिया से बचाने के लिए अब तकनीक का सहारा लिया जाएगा। यूसैक (उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) की मदद से सरकार ने एक अत्याधुनिक मोबाइल एप तैयार कराया है। इसके जरिये देहरादून नगर निगम भी अपनी जमीनों पर नजर रख सकेगा और जमीनों पर होने वाली किसी भी तरह की छेड़छाड़ या कब्जे की जानकारी तत्काल अधिकारियों को अलर्ट के माध्यम से मिल जाएगी। जिस पर त्वरित कार्रवाई कर जमीन को कब्जामुक्त कराने और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करने में तेजी आएगी।
दरअसल, उत्तराखंड गवर्नमेंट एसेट मैनेजमेंट सिस्टम (यूके जीएएमएस) को वैसे तो पूरे प्रदेश में सरकारी जमीनों की निगरानी के लिए तैयार किया गया है। लेकिन, इसका नगर निगम देहरादून को खासा लाभ मिल सकता है। वर्षों से दून में सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द किया जाता रहा और भूमाफिया करोड़ों की जमीनों को पूर्व में ठिकाने लगा चुका है।
यह एप सैटेलाइट तकनीक पर आधारित है। इसमें नगर निगम की सभी सरकारी जमीनों का डेटा दर्ज किया गया है। जैसे ही किसी जमीन पर अवैध निर्माण या कब्जे का प्रयास किया जाएगा, एप सैटेलाइट मैप में बदलाव दिखने पर अलर्ट के माध्यम से संबंधित अधिकारी को सूचित कर देगा।इसके बाद भूमि अनुभाग को मामले की जांच सौंपी जाएगी। यूके जीएएमएस एप की मदद से नगर निगम न सिर्फ अपनी जमीनों की निगरानी बेहतर ढंग से कर सकेगा, बल्कि भूमाफियाओं पर नकेल कसने में भी सफल होगा। यह पहल न केवल निगम की संपत्तियों की रक्षा करेगी, बल्कि डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, यह एप विशेष रूप से उन मौकों के लिए उपयोगी होगा, जब सरकारी अवकाश के दौरान भूमाफिया जमीनों पर कब्जे का प्रयास करते हैं। पहले भी कई बार अवकाश के दिनों में निगम की जमीन पर अवैध कब्जों के मामले सामने आ चुके हैं। अब ऐप की मदद से ऐसे प्रयासों पर तत्काल रोक लगाई जा सकेगी। नगर निगम की जमीनों पर कब्जे और बिक्री के कई मामले पूर्व में सामने आ चुके हैं। भूमाफिया स्टांप पेपर के जरिए जमीन की फर्जी खरीद-फरोख्त करते रहे हैं। निगम ने इन मामलों में कई बार कार्रवाई की है, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते हर गतिविधि पर नजर रखना चुनौतीपूर्ण था। अब एप की मदद से हर बदलाव की निगरानी संभव हो सकेगी।