रुड़की मे सरकारी स्कूल की बड़ी लापरवाही सोमवार दोपहर एक मासूम बच्चे की जान पर भारी पड़ सकती थी। छुट्टी के बाद शिक्षिकाएं कक्षा का दरवाजा बंद कर चली गईं, जबकि एक छात्र अंदर ही सोया रह गया। नींद खुलने पर बच्चा घबरा गया और जोर-जोर से रोने लगा। उसकी चीखें सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ताला तोड़कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला।
यह मामला गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के अंबर तालाब स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-12 का है। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे स्थानीय लोगों ने स्कूल के अंदर से “बचाओ-बचाओ” की आवाज सुनी। जब वे गेट तक पहुंचे तो बच्चे की रोने की आवाज साफ सुनाई दी। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से कक्षा का ताला तोड़ा गया।
अंदर देखा गया तो एक छोटा बच्चा डरा-सहमा खड़ा था। करीब चार बजे उसे बाहर निकाला गया। पूछताछ में बच्चे ने अपना नाम नमन बताया। जानकारी के अनुसार, दोपहर 2:30 बजे स्कूल की छुट्टी के समय वह कक्षा में ही सो गया था। शिक्षिकाओं ने बिना सभी बच्चों की उपस्थिति जांचे स्कूल बंद कर दिया।
इंस्पेक्टर मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालकर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। स्कूल में करीब 30 बच्चे पढ़ते हैं। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी अभिषेक शुक्ला ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है और संबंधित शिक्षिकाओं से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि बच्चे की आवाज किसी ने समय रहते न सुनी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के बाद विद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
करीब डेढ़ घंटे तक बंद कक्षा में फंसे रहने के बाद जब नमन को बाहर निकाला गया तो वह बेहद सहमा हुआ था। घबराहट के कारण वह कुछ बोल नहीं पा रहा था। पुलिसकर्मियों ने उसे प्यार से शांत किया और जब वह थोड़ा सहज हुआ तो अपने बैग से बोतल निकालकर पानी पीया। इसके बाद पुलिस ने उसे सुरक्षित घर पहुंचाया।



