उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत मंगलवार को चमोली के आपदाग्रस्त क्षेत्र थराली पहुंचे, उनके साथ थराली प्रमुख प्रवीन पुरोहित और कपकोट से पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण भी मौजूद रहे, उन्होंने आपदा से जूझ रहे थराली के आपदाग्रस्त क्षेत्र के साथ ही सोल घाटी समेत तमाम प्रभावित क्षेत्रों में लोगों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि सोल क्षेत्र में पिछले 11 दिनों से सड़कें बाधित चल रही हैं, कुराड़, पार्था, सगवाड़ा समेत देवाल विकासखंड में भी कई ऐसे अन्य गांव हैं, जहां सड़क मार्ग बाधित होने के कारण खाद्यान संकट गहराता जा रहा है, ऐसे में सरकार को हेली की मदद से खाद्यान आपूर्ति के संकट से जूझ रहे गांवों में रसद की आपूर्ति करनी चाहिए।
थराली में आपदाग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चेपड़ो गांव पहुंचे, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार आपदा प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचाए, साथ ही जिन लोगों के मकान, दुकान का नुकसान हुआ है, रोजी-रोटी पर प्रभाव पड़ा है, उन्हें भी राज्य सरकार राहत देने का काम करे, उन्होंने कहा कि चेपड़ो बाजार को दोबारा से बसाने की दिशा में सरकार काम करे और आपदा से प्रभावित थराली में आबादी को सुरक्षित करने का काम प्राथमिकता से किया जाए।
उत्तराखंड में लगातार दर्ज की जा रही आपदा की घटनाओं को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित किए जाने की मांग की है, उन्होंने कहा कि जब भीषण आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को आपदाग्रस्त राज्य घोषित कर दिया गया है तो फिर उत्तराखंड की उपेक्षा क्यों की जा रही है।
उन्होंने कहा कि थराली से लेकर धराली तक आपदा के सैलाब ने भारी नुकसान पहुंचाया है, पौड़ी जिले और केदारघाटी के कई क्षेत्र आपदा से प्रभावित हैं, उन्होंने कहा कि, रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लॉक में उन्होंने कई बार जनसभाएं की, जहां पूरा बाजार भारी बारिश से बह गया, इसी तरह की स्थिति चमोली और उत्तरकाशी जिले की भी है, वहां आपदा की वजह से भारी नुकसान पहुंचा है, उन्होंने कहा कि इस वर्षाकाल में उत्तराखंड लगातार भूस्खलन, बादल फटने, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है, इस स्थिति में उत्तराखंड को तत्काल आपदा ग्रस्त राज्य घोषित किया जाना चाहिए।