पिथौरागढ़ में पीएम पोषण योजना अंतर्गत विद्यालयों में बच्चों के लिए होने वाले मीठा सुगंधित दूध आपूर्ति में भारी लापरवाही पायी गई। बच्चों के लिए एक्सपायरी दूध भेज दिया गया। एक्सपायरी भी पांच वर्ष पुराना निकला। विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों द्वारा एक्सपायरी डेट पकडे़ जाने के बाद हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि अधिकांश विद्यालयों में दीपावली अवकाश होने से बच्चे इस दूध का सेवन नहीं कर सके।
पीएम पोषण योजना के अंतर्गत् मुख्यमंत्री द्वारा विद्यालयों में बच्चों के लिए फोर्टीफाइड मीठा सुगंधित दुग्ध चूर्ण दिया जाता है। इसकी आपूर्ति का ठेका आंचल अमृत योजना प्लांट रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर को दी गई है। शनिवार को दूध पिथौरागढ़ के बिण और मूनाकोट विकास खंड के बिण ,मूनाकोट और बड़ाबे संकुल में वितरित किया गया। अन्य स्थानों पर दीपावली अवकाश होने से वितरण नहीं हो सका।
बिण और मूनाकोट में जब दूध बंटा तो बच्चों और अभिभावकों को उसकी एक्सपायरी डेट पर नजर पड़ी। अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक के लिए दिए गए पैकेटों में वर्ष 2020 अंकित था। जिसे लेकर तत्काल पिथौरागढ़ आंचल दुग्ध से सम्पर्क किया गया।
दुग्ध संघ प्रबंधक केअनुसार तत्काल विद्यालयो में जाकर पैकेटों का निरीक्षण किया तो पैकिंग तिथि एवं वैधता तिथि की प्रिंट यही दिखा। प्रबंधक यूसीडीएफलि मंगल पड़ाव हल्द्वानी से इस समस्या का समाधान की मांग की गई। बात आंचल दुग्ध अमृत योजना रुद्रपुर तक पहुंची।
रुद्रपुर प्लांट के प्रभारी विपिन चंद्र ने मुख्य शिक्षाधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र भेज कर बताया कि दुग्ध चूर्ण दिनांक 18 सितंबर 2025 से 24 सितंबर 2025 के बीच उत्पादन किया गया है। अपने पत्र में उन्होंने इसे प्रिंटिंग मिस्टेक के कारण यह समस्या बताई है और उसके लिए क्षमा मांगते हुए दोबारा इस तरह की चूक नहीं होने का भरोसा दिलाया है। दूसरी तरफ दूध विद्यालयों में वैसा ही पड़ा है। इस योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में दो बार प्रति बच्चे को दस ग्राम दूध दिया जाता है। यह मामला चर्चा का विषय बना है।



