राजधानी देहरादून में रविवार देर रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश सोमवार शाम तक जारी रही, जिससे शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। करीब 14 घंटे की बारिश ने आपदा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। शहर की सड़कों से लेकर कालोनियों तक जलभराव हो गया है, जबकि नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। मसूरी पास जंगलों में बादल फटने की आशंका जताई जा रही है, जिसकी वजह से देहरादून के नदी-नालों में सैलाब उमड़ पड़ा और सड़कों पर नदियां बहने लगीं। रिस्पना-बिंदाल समेत तमाम नदियां सड़काें तक उफान पर आ गईं।
सोमवार को सुबह भारी वर्षा के दौरान कई जगह आपदा स्थिति बन गई। रिस्पना नदी के उफान में तपोवन क्षेत्र में सात मवेशी बह गए, वहीं दो दर्जन से अधिक कालोनियों में पानी भर गया। मुख्य मार्गों पर नगर निगम की टीमें वाटर पंप लगाकर जल निकासी में जुटी रहीं। आइटी पार्क के पास सहस्त्रधारा रोड पर भारी मात्रा में बरसाती पानी बहने लगा और रपटे पर आवाजाही प्रभावित हो गई। इस दौरान कई दुपहिया वाहन सवार गिरकर घायल हो गए। दो महिलाएं पानी के तेज बहाव में कई मीटर तक बह गईं, लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें बचा लिया गया।
दीपनगर में नदी किनारे बसे लोगों को खतरे के चलते घर खाली करने पड़े। दून विहार वार्ड के बापूनगर में पुश्ता ढहने से मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। राजीव नगर में रिस्पना नदी का पानी कई घरों में घुस गया, जिसके बाद प्रशासन ने एक निजी गेस्ट हाउस को अधिग्रहित कर प्रभावित परिवारों को वहां शिफ्ट किया।
मालदेवता क्षेत्र में भी हालात गंभीर हैं। भारी बारिश से नदी ने रौद्र रूप ले लिया है और आसपास के लोगों को खतरा पैदा हो गया है। यहां स्थित एक आंगनबाड़ी केंद्र की दीवार ढह गई, हालांकि छुट्टी के कारण कोई हादसा नहीं हुआ। सीतापुर और सरकार गांव में नदी व गदेरे के उफान से भारी भू-कटाव हुआ और पैदल मार्ग बह गए। लगातार हो रही बारिश से पूरे दून में चारों ओर पानी-पानी हो गया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन हालात सामान्य होने में समय लग सकता है।
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित है। हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने सुबह से ही शहर का दौरा कर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद डीएम सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे और स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की मानीटरिंग शुरू की। उन्होंने अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहते हुए प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।