दुष्कर्म के एक मामले में नाबालिग पीड़िता के बयान से मुकरने के बावजूद विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने आरोपित युवक को दोषी करार देते हुए 20 साल के सश्रम करावास की सजा सुनाई।
अदालत ने यह निर्णय फोरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनाया, जिसमें पीड़िता के कपड़ों पर आरोपित का सीमेन (वीर्य) मिला था। अदालत ने दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया।