राजधानी देहरादून के पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र में बीते शनिवार 30 नवंबर को हुई प्रॉपर्टी डीलर मंजेश कुमार की हत्या के मामले में नया मोड़ आया है, इस मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, इस मामले में पुलिस ने कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, देहरादून पुलिस इस वारदात में शामिल दो आरोपियों को पहले ही देहरादून और हरियाणा से गिरफ्तार कर चुकी थी, दूसरे आरोपी सचिन से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने मुख्य आरोपी संजय उर्फ फौजी का नाम बताया, पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला है कि प्रॉपर्टी में हिस्सेदारी को लेकर मंजेश कुमार और संजय उर्फ फौजी के बीच कुछ विवाद था।
पुलिस ने अनुसार फौजी और मंजेश दोनों प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे, दोनों पार्टनर भी थे, फौजी ने देहरादून में राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा और झाझरा हाईवे पर जमीन प्लॉटिंग के लिए उठाई गयी थी, जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था, इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था।
मंजेश ने अर्जुन को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी और उसके एवज में उसे अच्छा पैसा देने की बात कही थी, लेकिन मंजेश के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण अर्जुन ने इस काम से इनकार कर दिया और ये बात संजय उर्फ फौजी को भी बता दी।
संजय ने अर्जुन को बताया गया कि उसने राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और झाझरा में हाईवे पर जो जमीन ली, यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80-90 करोड़ का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है, यदि वो (अर्जुन), मंजेश की हत्या कर दे तो वह उसे उसके एवज में 10 करोड़ रुपए देगा, जिस पर अर्जुन तैयार हो गया।
पुलिस के मुताबिक अर्जुन ने मंजेश की हत्या के लिए अपने एक साथी सचिन को शामिल किया, अर्जुन ने सचिन को बताया कि मंजेश के खाते में 38 लाख रुपए हैं और उसके मोबाइल में पिन की जानकारी है, यदि उन्होंने मंजेश की हत्या कर दी जाए तो वह पैसे को उसके खाते से निकाल सकते हैं, इसके बाद दोनों ने मंजेश को मारने का प्लान बनाया।
प्लान के अनुसार मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे यमुनोत्री विहार फेस – 2 चंद्रबनी में बुलाया गया, वारदात से एक दिन पहले सचिन और अर्जुन ने संजय उर्फ फौजी से मुलाकात भी की थी, फौजी ने दोनों को खर्च के तौर पर 10 हजार रुपए भी दिए थे, अगले दिन भी कुछ पैसे देने की बात कही थी।
वारदात की शाम भी दोनों आरोपी दोबारा से संजय उर्फ फौजी से मिले, जहां संजय ने 2-4 दिन में जमीन का पेमेन्ट आने पर उन्हें पूरा पैसा एक साथ देने की बात कही, जिस पर अर्जुन राजी हो गया, अर्जुन ने रात में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद सचिन और अर्जुन ने गला घोटकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद दोनों मंजेश के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे, लेकिन दोनों में से किसी को भी गाड़ी चलानी नहीं आती थी, इसीलिए अर्जुन ने अपने एक साथी शुभम को मंजेश की हत्या के बारे में बताया और उसे शव को ठिकाने लगाने की बात कही, लेकिन शुभम ने साथ देने से इंकार कर दिया।
मंजेश की हत्या के बाद अर्जुन फिर से संजय उर्फ फौजी से मिला और उसे वारदात के बारे में पूरी जानकारी दी, साथ ही मंजेश की गाड़ी की चाबी भी अर्जुन ने फौजी को ही दे दी थी, फौजी ने अर्जुन को 50 हजार रुपए दिए और उसे अपनी गाड़ी से ग्राफिक ऐरा हॉस्पिटल झाझरा के पास छोड़ा, जहां से अर्जुन अपने साथी अफजल के कमरे में गया।
पुलिस के मुताबिक अर्जुन एक दिन अपने दोस्त अफजल के कमरे पर ही रुका, अगले दिन अर्जुन ने अफजल को मंजेश की चेन और अंगूठी दी और वहां से हरियाणा चला गया, वहीं अर्जुन को खबर लग गई थी कि पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार कर लिया है, इसीलिए वो पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए सोनीपत कोर्ट में सरेडर करने की योजना बना रहा था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी अजय ने बताया कि मंजेश की हत्या में शामिल चार आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट किया है, पुलिस ने बताया कि इस पूरी वारदात का मास्टरमाइंड संजय उर्फ फौजी साल 2018 में सेना से रिटायर्ड हो गया था, इसका कोई भी अपराधिक इतिहास नहीं है। शनिवार सुबह को यमुनोत्री विहार फेस 2 चंद्रबनी में मकान मालिक को कमरे में प्रॉपर्टी डीलर 42 वर्षीय मंजेश कुमार का शव मिला था, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी, प्रथम दृष्टया व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या करने का मामला सामने आया था, इसके बाद ही पुलिस मामले की जांच में जुटी थी, पुलिस ने इस मामले में कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम सचिन, अर्जुन, संजय उर्फ फौजी और अफजल है।