हल्द्वानी में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली कर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले नकल गैंग का हल्द्वानी पुलिस में पर्दाफाश किया है, पूरे मामले में पुलिस 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस को मोबाइल और लैपटॉप मिले हैं, बताया जा रहा है कि पकड़े गए आरोपी नकल गिरोह का संचालन करते हैं।
नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है, इस कार्रवाई में गैंग लीडर समेत 9 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, पकड़े गए आरोपी एक सुनियोजित तरीके से लाखों रुपये लेकर ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने की योजना पर काम कर रहे थे, इनके पास से दो लैपटॉप, वाई-फाई डोंगल, चार्जर और 11 मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं।
एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद नारायण मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए कहा है कि पुलिस को हल्द्वानी शहर के परीक्षा केंद्रों में नकल गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद सीओ हल्द्वानी नितिन लोहनी के पर्यवेक्षण में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने रामपुर रोड स्थित टीपी नगर में एक होटल पर दबिश देकर आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार करने में सफल प्राप्त की है, गैंग द्वारा 6 अगस्त से होने वाली एसएससी परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को पास कराने की योजना थी, गिरफ्तार आरोपियों में गैंग लीडर सुनील कुमार और परविंदर कुमार समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा व उत्तराखंड के निवासी युवक शामिल हैं, जिनकी पहचान राहुल शर्मा, अभिषेक कुमार, विशाल गिरि, आफताब खान, अरुण कुमार, शिव सिंह और जसवीर सिंह के रूप में हुई है।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये आरोपी लाइब्रेरी किराए पर लेकर वहां एनीडेस्क और रिमोट सॉफ्टवेयर के माध्यम से परीक्षार्थियों को नकल कराने का नेटवर्क चला रहे थे, इस काम के लिए हर अभ्यर्थी से 4-4 लाख रुपये वसूले जा रहे थे। इसके साथ ही जांच में सामने आया कि यह गैंग दिसंबर 2024 से हल्द्वानी में ”डिजिटल लाइब्रेरी” के नाम पर यह अवैध धंधा चला रहा था, जिस बिल्डिंग में डिजिटल लाइब्रेरी चल रही थी, उसे नकलचियों ने देहरादून निवासी दीपक कन्नौजिया से लीज पर लिया था।
गिरोह का उद्देश्य था कि परीक्षा केंद्रों में बैठे सॉल्वरों के माध्यम से दूर बैठकर आईटी एक्सपर्ट्स के जरिये नकल कराई जाए, पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, कई आरोपियों पर पहले भी मुजफ्फरनगर और मेरठ में धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और जालसाजी के संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।