देहरादून में क्लेमेनटाउन छावनी बोर्ड ने अवैध निर्माण पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। बोर्ड की टीम ने छावनी क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक अवैध आवसीय भवनों को चिह्नित कर लाल निशान लगा दिए हैं। उधर, भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर अवैध निर्माण को हटाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।
छावनी परिषद क्षेत्र में अब अवैध आवासीय भवनों पर बुलडोजर गरजने वाला है। छावनी बोर्ड ने इसके लिए तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है। दरअसल, बीते दिनों बोर्ड बैठक में बगैर मानचित्र स्वीकृत कराए अवैध आवासीय भवनों के निर्माण और इससे राजस्व के नुकसान का मुद्दा प्रमुख रूप से उठा था।
वहीं अब ऐसे अवैध निर्माणों के चिह्निकरण का कार्य शुरू हो गया है। बुधवार को टीम ने मोरोवाला गांव के समीप से गुजरने वाली बिंदाल नदी के पास स्थित द्वारिका कॉलोनी में 17 अवैध आवासीय भवन व निर्माणाधीन भवनों को चिह्नित कर लाल निशान लगाए।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में भी अवैध निर्माण स्वामियों को नोटिस दिए गए थे लेकिन अवैध निर्माण जारी रहा।ऐसे में अब भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में अवैध निर्माण को हटाने के लिए कहा गया है। अगर, निर्धारित समय सीमा तक निर्माण को नहीं हटाया गया तो भवनों को ध्वस्त करने की कार्रवाई होगी। उधर, कैंट टीम की अवैध निर्माण पर कार्रवाई से भवन स्वामियों में भगदड़ मची हुई है।
छावनी क्षेत्र में अवैध आवासीय और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निर्धारित समय सीमा में नहीं हटाया गया तो मकान ध्वस्त तो होगा ही साथ ही बुलडोजर का खर्च भी भवन स्वामियों से जुर्माने के रूप में वसूला जाएगा। अंतिम नोटिस के बाद सीधे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी।
दरअसल, कैंट छावनी क्षेत्र में बीते दो सालों में तेजी से अवैध आवासीय भवन व व्यापारिक प्रतिष्ठानों का निर्माण हुआ है। बगैर नक्शा स्वीकृत कराए ये लोग निर्माण करते जा रहे हैं। ऐसे में राजस्व नुकसान के साथ ही सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण भी हो रहा है। छावनी क्षेत्र के भारुवाला, छोटा भारुवाला, मोरोवाला, चानचक, दौड़वाला, मोथरोवाला, इंद्रपुरी, सोसायटी एरिया में भी अवैध निर्माण की भरमार हैं। ऐसे में अब कैंट बोर्ड की कार्रवाई इन स्थानों पर शुरू होने वाली है।