नई दिल्ली। हिंडनबर्ग ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद घमासान छिड़ गया है। शनिवार को जारी की गई इस रिपोर्ट के संबंध में रविवार सुबह जहां सेबी चीफ माधबी पुरी बुच की ओर से स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी गई और इन आरोपों को निराधार बताया गया। तो वहीं अब इस मामले में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप की ओर से भी बयान जारी किया गया है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किए गए दावों को सिरे से खारिज किया गया है।
Adani Group की ओर से हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोप दुर्भावना पूर्ण और तत्थों को जोड़-तोड़ कर पेश किए गए हैं। हम समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इन सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जो सिर्फ हमें बदनाम करने वाले दावों की रि-साइक्लिंग है। अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि पहले लगाए गए इन सभी आरोपों की गहन जांच की जा चुकी है, जो पूरी तरह से निराधार साबित हुए हैं। इन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में पहले ही खारिज कर दिया है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के बीच लिंक होने का दावा करते हुए आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी।
रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा गया कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने 5 जून, 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना अकाउंट खोला। इसमें दंपति का कुल निवेश 10 मिलियन डॉलर आंका गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी ग्रुप के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है।