पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र ने आत्महत्या कर ली, उसका शव हॉस्टल के कमरे में मिला, उसके कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, इसमें एक भाषा संबंधी दिक्कत का जिक्र किया गया है, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। देश के जाने माने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के छात्रावास में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब हॉस्टल के एक कमरे में छात्र का शव मिला, जैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन को घटना की जानकारी मिली, वैसे ही अधिकारीगण मौके पर पहुंचे, तत्काल थाना पंतनगर पुलिस को घटना की जानकारी दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है, पुलिस के मुताबिक नवनिर्मित छात्रावास जनरल बिपिन रावत भवन में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्रों को कमरे आवंटित किए गए हैं, भवन के कमरा नंबर-75 में दो अन्य छात्रों के साथ किच्छा (ऊधमसिंह नगर) के ग्राम दरऊ निवासी नीरज रहता था।
यहां सभी छात्र विश्वविद्यालय खुलने पर बीती 20 अगस्त को ही छात्रावास पहुंचे थे, शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे सभी छात्र अपनी-अपनी कक्षाओं में चले गए, नीरज साथियों से ’पढ़ने का मन नहीं कर रहा’ कहकर कमरे पर ही रुका रहा, दोपहर लगभग डेढ़ बजे सभी छात्र लंच के लिए छात्रावास पहुंचे, नीरज के दोनों साथी भी कमरे में पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद पड़ा था।
काफी खटखटाने और फोन करने के बाद भी जब कोई रिप्लाई नहीं आया, तो मामले की सूचना सुरक्षा कर्मचारियों को दी गई, जिसके बाद मौके पर पहुंचे विश्वविद्यालय अधिकारियों ने पुलिस की सहायता से दरवाजे को तोड़ा, अंदर जाकर देखा तो नीरज का शव पड़ा था, सूचना पाकर परिजन भी मौके पर पहुंचे जिसके बाद पुलिस ने शव का पंचायतनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मौत से पूर्व नीरज ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे नीरज की अब तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई थी, उसने अंग्रेजी भाषा पर कमांड न होने का जिक्र किया है, विश्वविद्यालय में बीटेक में एडमिशन मिलने के बाद कक्षाएं अधिकतर अंग्रेजी भाषा में संचालित हो रही थी, इस कारण उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था और वह निराश चल रहा था, दो दिन पूर्व ही उसके परिजनों ने विश्वविद्यालय में पहुंचकर एडवाइजर डाॅ0 अलकनंदा अशोक और विभागाध्यक्ष डाॅ0 एके स्वामी से मिलकर उसकी काउंसलिंग की थी, परंतु वह बार-बार पढ़ाई छोड़कर वापस घर जाने की जिद करता रहा।