वनपंचायत जिला अल्मोड़ा के सरपंचों द्वारा उप जिलाधिकारी सदर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया कि यदि उत्तराखंड के सरपंचों की पांच सूत्रीय मांगों पर सरकार तथा वन विभाग द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो उत्तराखंड सरपंच संगठन के सभी सरपंच 20/07/2024 से गैरसैंण में प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री तथा विधानसभा का घेराव करेंगे।
वनपंचायतों की अनदेखी से सरपंच आक्रोशित मुख्यमंत्री के घेराव की चेतावनी दी वनपंचायत जिला अल्मोड़ा के सरपंचों द्वारा उप जिलाधिकारी सदर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार श्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन प्रेषित किया, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया कि यदि उत्तराखंड के सरपंचों की पांच सूत्रीय मांगों पर सरकार तथा वन विभाग द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो उत्तराखंड सरपंच संगठन के सभी सरपंच 20/07/2024 से गैरसैंण में प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री तथा विधानसभा का घेराव करेंगे।
सरपंचों की पांच सूत्रीय मांगे:1.उत्तराखंड की वन पंचायतों का सशक्तिकरण कर मुख्यधारा के साथ संवैधानिक दर्जा देकर प्रति वर्ष वित्तीय ब्यवस्था की सुनिश्चिता सुनिश्चित हो।2.प्रदेश के वन प्रहरी सरपंचों में से प्रदेश वन पंचायत सलाहकार परिषद के अतिशीघ्र गठन की सुनिश्चिता सुनिश्चित हो।3.सरपंचों को वनाग्नि सुरक्षा सामग्री के साथ जीवन बीमा और मानदेय एवं वन पंचायती विकास और वनाग्नि अवरोधक प्रशिक्षण के प्रावधान की सुनिश्चिता सुनिश्चित हो।4.वन पंचायत में वन विभाग और उसकी ठेकेदारी ब्यवस्था का हस्तक्षेप समाप्त कर वन पंचायतों को स्वतंत्र एवं स्वस्थ स्वायत्तधारी संस्था घोषित करने की सुनिश्चिता सुनिश्चित हो।
5.वन नियमावली में सरपंच सदस्यों की उपस्थिति में अंग्रेजी कमीश्नरी शासनकाल के कानूनों को समाप्त कर ठोस आधुनिक वन कानूनों का गठन कर अधिनियम एक्ट में परिवर्तन की सुनिश्चित सुनिश्चिता हो।ज्ञापन देने वालों में अल्मोड़ा सरपंच संगठन के निशा जोशी, घनानंद शर्मा, केशव दत्त भारद्वाज, राजेंद्र कनवाल और हीरा सिंह रावत सामिल रहे।ज्ञापन देने वालों में अल्मोड़ा सरपंच संगठन के निशा जोशी, घनानंद शर्मा, केशव दत्त भारद्वाज, राजेंद्र कनवाल और हीरा सिंह रावत सामिल रहे।