प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं किसी से छिपी नहीं हैं, प्रदेश सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लाख दावे कर ले, लेकिन हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं, सूबे की ग्रीष्मकालीन राजधानी कही जाने वाले गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अगर बात करें तो यह मात्र रेफर सेंटर बनकर रह गया है, आये दिन मरीजों को परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है, जहां प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सेवाओं ने दो जानें ले लीं।
सरकार भले ही गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उपजिला चिकित्सालय का दर्जा दे कर अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों व संसाधनों की कमी से जूझ रहा है, अस्पताल केवल कागजों में ही सिमट कर रह गया है, आये दिन गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहीं हैं, गैरसैंण विकास खंड के दूरस्थ गांव फुल ढुंगी तल्ला गांव (घंडियाल) निवासी सुशीला देवी उम्र लगभग 25 वर्ष को प्रसव पीड़ा के बाद उसके परिजन सुरक्षित प्रसव के लिए गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस लिए परिजनों को क्या पता था कि जहां वो लोग अपनी आस लेकर आये हैं, वहीं उन्हें अपना सब कुछ खोना पड़ेगा।
जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला के परिजन प्रसव के लिए गैरसैंण अस्पताल पहुंचे थे जहां डॉक्टरों द्वारा सुशीला देवी का प्रसव कराया गया, महिला ने एक नवजात शिशु को जन्म दिया, लेकिन डॉक्टर ने बताया कि बच्चा मृत पैदा हुआ था, वहीं प्रसव के कुछ देर बाद ये खबर सुनकर महिला की भी हालत बिगड़ गई, आनन फानन में डॉक्टरों ने महिला की हालत बिगड़ती देख उसे प्राथमिक उपचार दिया, जिसके बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन आधे रास्ते में ही महिला ने भी दम तोड़ दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, बताया जा रहा है कि मृतक महिला के पति सेना में सेवारत हैं और इस समय कारगिल में तैनात हैं, घबर सुनने के बाद मृतका की सास का भी रो-रो कर बुरा हाल है, वहीं इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अर्जुन रावत ने बताया कि महिला का प्रसव डॉक्टरों की टीम द्वारा करा दिया गया था, लेकिन नवजात मृत पैदा हुआ था, महिला बिल्कुल सही थी व परिजनों से बात कर रही थी, लगभग 1 घंटे बाद मृत बच्चा पैदा होने की खबर सुनने के बाद महिला को गहरा सदमा लग गया, महिला की तबीयत खराब हो गई और बेहोश हो गई, जिसके बाद महिला को प्राथमिक उपचार दिया गया, जिसके बाद महिला के स्वास्थ्य में कुछ सुधार हो गया था, लेकिन दोबारा से महिला की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद महिला को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था।