अल्मोड़ा में विश्विद्यालय में छात्रसंघ चुनाव न कराने के विरोध में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा परिसर के छात्रों ने आत्मदाह करने का प्रयास किया, चौघानपाटा में एक छात्र ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, मौके पर मौजूद फायर सर्विस के जवानों ने तुरंत आग पर काबू पाया, पुलिस ने तुरंत छात्र को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां झुलसे छात्र का उपचार जारी है।
दरअसल, सोमवार को छात्रसंघ चुनाव नहीं होने के विरोध में अल्मोड़ा चौघानपाटा में सभी छात्र संगठनों ने शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का पुतला दहन किया, इस दौरान उस समय पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए जब टाइगर ग्रुप से छात्रसंघ अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दीपक लोहनी और निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष राहुल धामी ने आत्मदाह का प्रयास करते हुए अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगाने का प्रयास किया।
टाइगर ग्रुप के महामंत्री जय प्रकाश पांडेय ने बताया कि पुलिस ने राहुल धामी को तो पकड़ लिया, लेकिन दीपक लोहनी ने अपने ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी, इस घटना से मौके पर अफरा-तफरी मच गई, आनन-फानन में छात्र नेता दीपक लोहनी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पर उसका उपचार चल रहा है।
जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ0 एचसी गडकोटी ने कहा कि छात्र झुलसे हुए स्थिति में लाया गया था, वह 18 से 20 प्रतिशत तक झुलस गया है, एसएसपी देवेंद्र पींचा ने कहा कि पूर्व में एक एनएसयूआई के छात्र ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी, पुलिस ने उसे मैनेज कर लिया, लेकिन अचानक टाइगर ग्रुप के अन्य छात्र ने आत्मदाह का प्रयास किया, जिसपर पुलिस की फायर सर्विस ने तुरंत काबू पा लिया और उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, मामले में विधिक कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है, पुलिस को मुस्तैद कर दिया गया है।
वहीं घायल छात्र दीपक लोहनी ने कहा कि हम बहुत समय से चुनाव के लिए मेहनत कर रहे थे और छात्र संघ चुनाव नहीं हो रहे थे जिससे मैं तनाव में था, यह कदम मेरा है और किसी की भी इसमें गलती नहीं है, इसके लिए प्रदेश सरकार और प्रशासन जिम्मेदार है।
शनिवार को एनएसयूआई से अध्यक्ष पद के दावेदार अमित बिष्ट ने शीघ्र चुनाव तिथि घोषित नहीं होने पर सोमवार को गांधी पार्क में आत्मदाह की चेतावनी दी थी, चेतावनी के बाद पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया था, पुलिस लगातार छात्र को ट्रेक करते हुए नजर रख रही थी, सोमवार को सुबह से ही चौघानपाटा में पुलिस के आलाधिकारी और भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा, विभिन्न संगठनों से जुड़े छात्र नेता चौघानपाटा में एकत्र होने लगे, लेकिन मौजूद अधिकारी छात्रों का रुख नहीं भांप सके, पुलिस सिर्फ अमित बिष्ट पर केंद्रित रही।
उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव की समय सीमा समाप्त होने का हवाला देकर चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका निस्तारित कर दी है, इसके बाद से ही प्रदेशभर के छात्र संगठन एकजुट होकर छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।