पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कई मौकों पर लोकगीतों पर थिरकते दिखाई दिए हैं, वहीं अल्मोड़ा में हरीश रावत ने कुमाऊं महोत्सव में कुमाऊंनी झोड़ा-चांचरी में जमकर डांस किया, इस मौके पर लोक गायक राजेन्द्र कला ने अनेक लोकगीत प्रस्तुत कर लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का उत्तराखंड की संस्कृति से प्रेम किसी से छिपा नहीं है, इसलिए वो अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं. हरीश रावत एक बार फिर से कुमाऊंनी झोड़ा-चांचरी में जमकर नृत्य किया,जिसका लोगों ने देर रात तक जमकर लुत्फ उठाया, अल्मोड़ा के सिमकनी मैदान में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, इस दौरान महोत्सव के आयोजक श्रीराम सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया, इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अल्मोड़ा पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश मे भी अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अल्मोड़ा अपनी खासियतों को आगे लाने के लिए खुद ही मंच पैदा करता है, जब हम कुमाऊं और कुमाऊंनी संस्कृति की बात करते हैं तो एक ही चित्र अल्मोड़ा का उभर कर सामने आता है, उन्होंने कहा कि इस तरह के सांस्कृतिक आयोजनों को विधायक, सांसद हो या सत्ता में बैठे लोग उन सबको मदद करनी चाहिए, क्योंकि इससे हम आयोजकों को नहीं वरन अपने राज्य को आगे ले जाने में मदद करते हैं, वहीं उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य किया था जिसके लिए लोगों ने हमे अवसर दिया तो हमने अपनी ही विशेषताओं को आगे लाने का कार्य किया।
हरीश रावत ने कहा कि वह चाहते है कि वर्तमान में सत्ता में बैठे लोग भी इस तरह के आयोजनों को स्पॉन्सर करने का कार्य करें, महोत्सव में हरीश रावत ने मंच पर एक महिला समूह के साथ झोड़ा-चांचरी नृत्य किया, वहीं देर तक कार्यक्रमों का आनंद उठाया।