देहरादून में एक नर्सिंग होम की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली। आराघर इलाके में बने इस नर्सिंग होम पर आरोप है कि डिलीवरी के वक्त डॉक्टर ने महिला के पेट में पट्टी का गोज छोड़ दिया था। कुछ महीने बाद जब महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो मामला धीरे धीरे सामने आया। रविवार की रात महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
लक्खीबाग की रहने वाली ज्योति नाम की महिला की उम्र करीब छब्बीस साल थी। उसका पति प्रज्वल सहारनपुर चौक के पास पंचर की दुकान चलाता है। ज्योति की डिलीवरी इसी साल उनतीस जनवरी को शहर के एक केयर सेंटर में हुई थी। बेटे के जन्म के बाद कुछ ही दिनों में ज्योति को पेट में तेज दर्द की शिकायत रहने लगी। परिजन उसे फिर उसी अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने साफ जवाब नहीं दिया। जांचें हुईं लेकिन कोई ठोस वजह नहीं बताई गई।
कुछ दिन बाद हालत बिगड़ने पर ज्योति को दोबारा उसी जगह भर्ती कराया गया और फिर वहां से उसे ग्राफिक एरा अस्पताल भेज दिया गया। वहां जांच हुई तो डॉक्टरों के होश उड़ गए। महिला के पेट में बड़ी पट्टी का गोज मिला। उसी से उसे गंभीर संक्रमण हो गया था। हालत लगातार बिगड़ती चली गई और आखिरकार महिला की जान चली गई।
महिला की मौत के बाद सोमवार सुबह परिजन गुस्से में नर्सिंग होम पहुंचे और ज्योति का शव वहीं बाहर रखकर जमकर हंगामा किया। मौके पर भीड़ जुट गई। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को खबर दी गई तो अधिकारी तुरंत पहुंचे। एसीएमओ डॉ प्रदीप राणा ने खुद मौके पर पहुंचकर परिजनों को शांत कराया। कई घंटों की बातचीत के बाद परिवार पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए राजी हुआ और शव को अस्पताल ले जाया गया।
डॉ प्रदीप राणा ने बताया कि नर्सिंग होम की लापरवाही के आरोप बेहद गंभीर हैं। फिलहाल जांच शुरू कर दी गई है। नर्सिंग होम का सीए रजिस्ट्रेशन जांच पूरी होने तक रद्द किया जाएगा। विभाग की टीम और मेडिकल काउंसिल की कमेटी पूरे मामले की पड़ताल करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।

			

