प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में एक विशेष एवं भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ0 लक्ष्मीकांत ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के 100 चिन्हित पिछड़े कृषि जिलों में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाना है ताकि वहाँ के किसानों की उत्पादकता बढ़ाई जा सके और उनकी आय में महत्वपूर्ण वृद्धि हो सके।
यह योजना 12 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एक साथ मिलाकर एक एकीकृत रणनीति के तहत काम करेगी। इसका लक्ष्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि फसलों के विविधीकरण को बढ़ावा देना, स्थायी कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना और कृषि प्रणालियों को जलवायु-लचीला बनाना है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना और किसानों के लिए अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक कृषि ऋण की उपलब्धता को आसान बनाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा एवं चमोली जिले इस योजना के अन्तर्गत चयनित किए गए है तथा दलहन आत्मनिर्भर योजना सभी जिलों में चलायी जानी है जिसके अन्तर्गत अगले 6 वर्षों में दलहनों विशेष रूप से अरहर, उड़द, मसूर पर अधिक बल देकर इनका उत्पादन बढ़ाने की कार्ययोजना दाल का उत्पादन बढ़ाने में अवश्य की कारगर सिद्ध होगी।

			

