देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है। यह परीक्षा 21 सितंबर 2025 को प्रदेश के 445 परीक्षा केंद्रों में आयोजित की गई थी। परीक्षा के बाद इंटरनेट मीडिया पर प्रश्नपत्र के कुछ स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद आयोग ने मामले की जांच शुरू कराई थी।
आयोग सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने बताया कि परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। आयोग का मानना है कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अभ्यर्थियों और आमजन का पूर्ण विश्वास होना आवश्यक है। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए प्रश्न, दर्ज हुआ मुकदमा।21 सितंबर को परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
सूचना मिलते ही आयोग ने तत्काल एसएसपी देहरादून को जांच के निर्देश दिए। प्रारंभिक जांच के बाद थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में गठित जांच आयोग। राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 27 सितंबर को कमीशन ऑफ इन्क्वायरी एक्ट 1952 के तहत एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया। इसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय उत्तराखंड के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी को सौंपी गई।
न्यायिक आयोग की अंतरिम रिपोर्ट पर हुआ फैसला।आयोग को न्यायिक जांच आयोग की अंतरिम आख्या 8 अक्टूबर को प्राप्त हुई, जिसका अध्ययन करने के बाद आयोग ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। परीक्षा की नई तिथि तीन माह भीतर प्रस्तावित की गई है।

			

