उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी इस वक्त कुदरत के कहर से जूझ रही है, देहरादून शहर समेत आसपास के इलाकों में 15-16 सितंबर की रात को भयकर तबाही हुई थी, देहरादून-मसूरी मार्ग पर शिव मंदिर से आगे पड़ने वाला पुल भी टूट गया था, हालांकि, वहां पर बेली ब्रिज बनाकर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू की गई है, जिसके बाद मसूरी में फंसे दो हजार पर्यटकों को निकाला गया है, वहीं आज सीएम धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी मसूरी के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया।
इसके अलावा सीएम धामी ने मसूरी-देहरादून को जोड़ने वाले क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया और प्रशासन, आपदा प्रबंधन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की, प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए, इस दौरान सीएम धामी ने आपदा पीड़ितों से भी बात की, उन्होंने आपदा प्रभावितों को भरोसा दिया कि सरकार उनकी हर संभव मदद करेगी।
मसूरी के एसडीएम राहुल आनंद और मसूरी कोतवाल संतोश कुंवर ने जानकारी दी कि बुधवार शाम पुल से यातायात शुरू कर दिया गया था, लेकिन गुरुवार सुबह कुछ तकनीकी समस्याएं सामने आईं, सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ समय के लिए आवाजाही रोकी गई, लेकिन सुबह 11 बजे के बाद समस्या हल कर दी गई, इसके बाद हल्के वाहनों को पुल से आवाजाही शुरू कर दी गई थी, प्रशासन लगातार सड़क से मलबा हटाने में जुटा हुआ है, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पुल और सड़कों की निगरानी कर रहा है।
इसके अलावा मालदेवता क्षेत्र के किसनपुरी बांडावाली में नदी का रुख मोड़ कर अनाधिकृत तरीके से बड़ा रिजॉर्ट बनाने के मामले में भी प्रशासन ने कार्रवाई करने का मन बनाया है, प्रशासन की तरफ से रिजॉर्ट मालिक पर कार्रवाई की जाएगी। किसनपुर बांडावाली में नदी का रुख मोड़कर रिजॉर्ट निर्माण कराने का आरोप है, इस वजह से सैलाब में करीब 150 मीटर सड़क मार्ग पूरी तरह से वाशआउट हो गई, जिस कारण करीब 6 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है, गुरुवार को देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने उस इलाके में निरीक्षण किया, इसके बाद ही देहरादून जिलाधिकारी ने नदी किनारे अनधिकृत एप्रोच और रिजॉर्ट निर्माण की उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति कर दी है।