बिहार की तरह पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में भी चुनाव आयोग मतदाता सूची की गहन जांच की तैयारी कर रहा है। जल्द ही इस पर एक अहम बैठक भी बुलाई जाएगी। दो साल बाद 2027 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं। आयोग ने यह भी कहा कि अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे मतदान की प्रक्रिया अधिक सुचारु हो सकेगी और पोलिंग बूथों पर लंबी कतारें नहीं लगेंगी। आयोग ने सियासी दलों की ओर से मतदान प्रतिशत में हेरफेर के आरोपों के बाद यह निर्णय लिया है।
जिनके माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, उन्हें सिर्फ जन्मस्थान या जन्मतिथि का प्रमाण देना होगा। चुनाव आयोग की टीमें घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करेंगी। मकान मालिक और किरायेदारों के सटीक आंकड़े जुटाए जाएंगे। आधार कार्ड स्थायी पते के प्रमाण के रूप में स्वीकारा नहीं जाएगा। फोटो और नाम का मिलान कर फर्जी या दोहरे नाम हटाए जाएंगे।
देहरादून में लगभग 15 लाख मतदाता हैं और साल में चार बार मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। मतदाता सूची के इस गहन पुनरीक्षण से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सिर्फ योग्य-वास्तविक मतदाता ही इस सूची में शामिल रहें। संवैधानिक संदर्भ देखें तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार लोकसभा और विस चुनाव में वयस्क मताधिकार (18 वर्ष से ऊपर नागरिक) के आधार पर मतदान होता है।
अभी तक एक पोलिंग स्टेशन पर 1500 तक मतदाता वोट डाल सकते थे। लेकिन, अब नई व्यवस्था के तहत देहरादून में पोलिंग स्टेशन 1882 से बढ़ाकर 2046 किए जा रहे हैं। यानी लगभग 164 नए पोलिंग स्टेशन जोड़े जाएंगे। 1200 से अधिक मतदाता वाले 222 पोलिंग बूथों को पुनर्गठित किया जा रहा है, ताकि मतदाताओं को सही तरीके से समायोजित किया जा सके।
अफसरों का कहना है कि बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1200 तक सीमित होने से मतदान समय पर पूरा हो सकेगा। इससे मतगणना जल्द होगी और परिणाम भी शीघ्र आएंगे। सहायक निर्वाचन अधिकारी पीसी त्रिपाठी का कहना है कि उत्तराखंड में मतदाता सूची की जांच की तैयारी शुरू हो गई है। 1200 से अधिक मतदाता वाले बूथों को विभाजित किया जा रहा है। नए बूथों का भी प्रस्ताव तैयार है। राजनीतिक दलों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
142 बूथों पर मतदाताओं की संख्या 1150 से अधिक है। 26 पोलिंग बूथों के नाम बदले जाएंगे। छह स्कूल भवनों में बने बूथ दूसरी जगह स्थानांतरित किए जाएंगे। दो गांवों में पोलिंग बूथ की दूरी दो किमी से अधिक होने पर उनको पास के स्थानों में जोड़ा जाएगा 13 बूथ जीर्ण-शीर्ण भवनों में हैं। इनके भवन भी बदले जाएंगे।