हल्द्वानी में दुष्कर्म पीड़िता ने बनभूलपुरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि एक युवक ने उससे दुष्कर्म किया था। आरोपित जेल से जमानत पर बाहर आ चुका है। जिसने उसे रास्ते में घेरा और केस वापस लेने का दबाव बनाया।
विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी मिली। शिकायत लेकर वह बनभूलपुरा थाने पहुंची थी। जहां आरोपित का पिता पहले से एक सिपाही के संग खड़ा था। पुलिस ने उसे न्याय दिलाने के बजाय चोरों जैसा बर्ताव किया। थाने के पीछे बंदीगृह में ले जाकर बैठा दिया।
अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बनभूलपुरा निवासी युवती ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाले फरदीन ने उससे दुष्कर्म किया था। इस मामले में आरोपित जेल गया। अब वह जेल से जमानत पर बाहर है। जब से आरोपित जेल से बाहर आया है तब से उसे रास्ते में घेरने का प्रयास किया जाता है। उसका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। आरोप है कि 15 मई को वह अपनी मां का यूरिन सैंपल की जांच कराने के लिए जा रही थी। अब्दुल्लाह बिल्डिंग के पास फरदीन ने उसे रोक दिया। कहा कि केस वापस ले ले वरना तुझे खत्म कर दूंगा।
19 मई को रात लगभग साढ़े आठ बजे जब वह अपनी मां के संग दादी के घर से वापस आ रही थी। तब फरदीन ने उससे अभद्रता व गालीगलौज की और कहा कि अबकी बार तू दिखी तो तेरे मुंह पर तेजाब डालके तुझे कहीं का नहीं छोडूंगा। मां ने उसे डांटा तो फरदीन वहां से भाग गया। इसी दिन वह अपनी मां के साथ उक्त घटना की सूचना देने थाना बनभूलपुरा पहुंचीं।
थाने में उससे सुबह आने के लिए बोल दिया गया। 20 मई को थाने पहुंची तो पुलिस ने जांच कर केस दर्ज करने का आश्वासन दिया, लेकिन केस दर्ज नहीं किया। दो जून को उसके पास थाने से एक सिपाही का काल आया। वह मां के संग फिर थाने पहुंची। थाने के बाहर ही वह सिपाही चाय की टपरी में फरदीन के पिता के साथ बैठा हुआ था। वहीं पर सिपाही ने उस पर राजीनामे का दबाव बनाया।
12 जून को एक बार फिर उन्हें थाने बुलाया गया। थाने पहुंचने पर चोर उच्चकों जैसा सुलूक किया गया। मां-बेटी को थाने के पीछे बंदीगृह में बैठा दिया। पुलिस के सामने आरोपित के पिता ने उन्हें धमकाया और अभद्रता की।
आरोप है कि पुलिस ने उसे व उसकी मां को छोड़ने के लिए थाने में ही एक राजीनामा पत्र पर यह कहकर हस्ताक्षर करवा लिए कि अगर हस्ताक्षर नहीं किए तो तुम दोनों को जेल भेज देंगे। इसके बाद से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से भी कई गई। मगर कहीं से न्याय नहीं मिला।