राजधानी देहरादून के प्रेम नगर थाना क्षेत्र में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, पुलिस ने नाबालिग वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है, इस मामले में जहां पुलिस ने चार नाबालिगों को अपने संरक्षण में लिया है तो वहीं एक बालिग आरोपी को गिरफ्तार भी किया है।
पुलिस ने बताया कि नाबालिग वाहन चोर गिरोह से अलग-अलग थाना क्षेत्र से चुराई गई चार बाइकें बरामद हुई है, नाबालिग को पुलिस जेल नहीं भेजती है, इस समझ के साथ ये सभी नाबालिग बाइकों की चोरी करते थे, नाबालिग के महंगे शौके थे, अपने शौक को पूरा करने के लिए वो बाइकों की चोरी किया करते थे।
पुलिस ने बताया कि जिले की सीमाओं पर इन दिनों संघन चेकिंग अभियान चल रहा है, इसीलिए आरोपी चोरी की बाइकों की जिले से बाहर नहीं ले जा पाए, आरोपी चोरी की बाइकों को यूपी के सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में ले जाकर बेचते थे, तीनों नाबालिगों के खिलाफ पहले भी देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज है।
पुलिस ने बताया कि अनिल कुमार निवासी प्रेमनगर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी घर के बाहर से बुलेट मोटरसाइकिल चोरी हो गई है, तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाना प्रेमनगर में दो पुलिस टीमें गठित की गई।
गठित टीमों ने घटनास्थल और आसपास आने-जाने वाले रास्तों के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया, जिसके बाद पुलिस टीम को जानकारी मिली कि कुछ छोटी उम्र के लड़के रात में घूमते देखे गए है, जो बिना नंबर की वाहन को चला रहे है, जिस पर थाना प्रेमनगर पुलिस ने सभी संभावित स्थानों पर आकस्मिक वाहन चेकिंग शुरू की, तभी 26 जुलाई को चेंकिग के दौरान सेलाकुई की ओर से दो बिना नंबर की मोटरसाइकिलों पर सवार पांच युवकों को रोका गया।
पुसिस ने जब बाइक सवार युवकों से सख्ती के साथ पूछताछ की तो उन्होंने प्रेमनगर और नेहरू कॉलोनी क्षेत्र से बाइक चोरी करने और उनके नंबर प्लेट हटाने का जुर्म कबूल किया, पुलिस ने चार नाबालिग को संरक्षण में लेते हुए एक बालिग को गिरफ्तार किया।पूछताछ में आरोपी यश ने अलग-अलग स्थानों से दो अन्य मोटरसाइकिलें को चोरी किए जाने और उन्हें टी स्टेट प्रेमनगर में झाड़ियों में छिपाकर रखे होने की जानकारी दी, पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर एक बुलेट (काले रंग, बिना नंबर प्लेट) और एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल बरामद की।
थाना प्रेमनगर प्रभारी कुंदन राम ने बताया है कि नाबालिग को महंगे मोबाइल फोन, कपड़े और खाना-पीने का शौक है, उन्हें यही जानकारी थी कि नाबालिगों को पुलिस जेल नहीं भेजती है, पुलिस नाबालिग के मां-बाप को बुलाकर समझा बुझाकर घर भेज देती है, जिसके चलते उन्होंने वाहन चोरी का रास्ता अपनाया, संरक्षण में लिए गए नाबालिगों में से तीन थाना राजपुर में भी वाहन चोरी में पकड़े गए थे, जिसमें वह जल्दी छूट गए थे, नाबालिग गिरोह पुरानी बुलेट मोटरसाइकिल को ही ज्यादा टारगेट करते थे, क्योंकि पुरानी बुलेट में मास्टर चाबी लग जाती है और उसके पार्ट भी बिक जाते हैं।