कुमाऊं विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग में प्राध्यापक पद पर मिलते-जुलते नाम का फायदा उठाकर चयनित अभ्यर्थी पवन कुमार मिश्रा के स्थान पर प्रमोद कुमार मिश्रा को नियुक्ति देने के मामले में हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद बड़ा एक्शन हुआ है। विवि की ओर से इस मामले में वर्तमान में एसोसिएट प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा को निलंबित करते हुए उन्हें डीन कला संकाय से संबद्ध कर दिया है।
यह मामला हाई कोर्ट में भी विचाराधीन है। इस मामले में विवि से कोर्ट में मूल रिकॉर्ड पेश कर चुका है। जिसमें प्रथम दृष्टया धांधली पाए जाने पर कोर्ट में मामले की गहराई से जांच के लिए सीबीसीआईडी हल्द्वानी के पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया था।
सीबीसीआईडी को अपनी जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में देनी है। पुख्ता सूत्रों के अनुसार अब तक जांच एजेंसी इस मामले में करीब 90 रिटायर-सेवारत कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है। सीबीसीआइडी को इस मामले में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत मिलने की भी चर्चा है।
दरअसल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इंदिरापुरम गाजियाबाद निवासी पवन कुमार मिश्रा पुत्र इंद्रजीत मिश्रा ने याचिका पर सुनवाई की थी। उनका कहना था कि जनवरी 2005 में उसका चयन डीएसबी परिसर के भौतिकी विभाग में प्राध्यापक पद के लिए हुआ था, लेकिन उनके नाम से मिलते जुलते नाम वाले अभ्यर्थी प्रमोद कुमार मिश्रा पुत्र लक्ष्मी शंकर मिश्रा (पीके मिश्रा) को तत्कालीन कुलसचिव, विज्ञान संकायाध्यक्ष, भौतिकी विभागाध्यक्ष व अन्य कर्मचारियों के साथ एकराय होकर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। जो अब भी विभाग में सेवारत हैं।
पवन के अनुसार यह जानकारी उनको करीब 20 साल बाद नवंबर 2024 में हुई और उन्होंने कुलपति और सीएम को पत्र लिखकर न्याय की मांग की लेकिन उनके पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर प्रमोद कुमार मिश्रा को नियुक्ति देने वाले तत्कालीन कुलपति प्रो. आरसी पंत व तत्कालीन कुलसचिव सुरेश जोशी दिवंगत हो चुके हैं जबकि नियुक्ति कमेटी में शामिल भौतिकी विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष सेवानिवृत्त हो चुके हैं।