सवालों के घेरे में मुनस्यारी में बने इको हट, डोरमेट्री निर्माण कार्य, वित्तीय अनियमितता का आरोप

पिथौरागढ़ वन प्रभाग के अंतर्गत मुनस्यारी रेंज में बने इको हट, डोरमेट्री के निर्माण कार्य से लेकर फायर लाइन की सफाई का काम सवालों में है। यहां पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं। प्रकरण में प्रमुख सचिव वन ने तत्कालीन डीएफओ और वर्तमान में पश्चिमी वृत्त वन संरक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है।

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पिथौरागढ़ वन प्रभाग के अंतर्गत मुनस्यारी रेंज के अंतर्गत खलिया आरक्षित कक्ष संख्या- तीन में वर्ष 2019 में 10 इको हट, डोरमेट्री, वन कुटीर उत्पाद विक्रय केंद्र का निर्माण किया गया। इसके अलावा ग्रोथ सेंटर को भी तैयार किया गया। यह निर्माण कार्य सवालों के घेरे में आ गए हैं। इस संबंध में इसी वर्ष 17 जनवरी को तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने प्रमुख सचिव वन को पत्र लिखा था। इसमें मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना संजीव चतुर्वेदी के पत्र (24 दिसंबर2024 ) का हवाला दिया गया।

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इसमें मुनस्यारी रेंज में जो निर्माण किया गया था, उसको लेकर आरोप था कि बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति लिए करीब एक करोड़ चौसठ लाख से इको हट समेत समेत अन्य निर्माण कार्य (पक्की संरचना) किया गया। साथ ही कहा गया कि यह वन संरक्षण अधिनियम-1980 का उल्लंघन है। इसी तरह अन्य तथ्यों का उल्लेख किया गया।

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इसमें नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार आईएफएस डॉ. विनय कुमार भार्गव पर लगाए गए आरोपों के सापेक्ष कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त करना उचित होने की की बात कही गई थी। इस संबंध में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने पिथौरागढ़ के तत्कालीन वन प्रभाग के डीएफओ व वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. भार्गव से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है।

शासन ने जो पत्र जारी किया है, इसमें बिना पूर्व स्वीकृति के मुनस्यारी में इको हट आदि निर्माण के अलावा निर्माण सामग्री के लिए बिना टेंडर व सक्षम स्वीकृति के निजी संस्था का चयन, एकमुश्त भुगतान किए जाने पर जवाब मांगा है। साथ ही बिना सक्षम अनुमोदन के ईको डेवलेपमेंट कमेटी (ईडीसी) पातलथौड़ मुनस्यारी के पर्यटन से मिलने वाली राशि का 70 प्रतिशत भाग देेने के लिए एमओयू करने पर स्पष्टीकरण देना होगा। इसके अलावा पिथौरागढ़ वन प्रभाग 10 फायर लाइन (कुल लंबाई 14.6 किमी) के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 90 किमी फायर लाइनों का अनुरक्षण पर सफाई और दो लाख का व्यय किया गया, इस पर जवाब मांगा गया है। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु कहते हैं कि वन संरक्षक से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है और 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है।

मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना के माध्यम से राज्य में प्रभागों की कार्ययोजना तैयार करने का काम होता है। इसी क्रम में पिथाैरागढ़ वन प्रभाग की दस वर्षीय कार्ययोजना तैयार करने का काम चल रहा था। तब यह कथित अनियमितता की बात सामने आई थी, इसके बाद मुख्य वन संरक्षक कार्ययोजना संजीव चतुर्वेदी ने प्रमुख वन संरक्षक को पत्र लिखे थे। वहीं, शासन ने स्पष्टीकरण मांगा है, इसमें कहा गया है कि 15 दिन में जवाब न देने पर अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।

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