केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में लालकुआं नगर पंचायत नंबर वन रही है, देहरादून को राष्ट्रीय स्तर पर 62 वीं रैंक मिली है, जिसमें पिछले साल यानी 2023 की अपेक्षा सुधार हुआ है, पिछले साल देहरादून नगर निगम 6 पायदान नीचे यानी 68 वीं रैंक पर था, लेकिन इस बार सुधार देखने को मिला है, वहीं, इस साल रुद्रपुर नगर निगम को 68 वीं रैंक मिली है, जो पूरे प्रदेश में दूसरी रैंक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 पुरस्कार वितरित किए, जिसमें भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर बना है, यह 8 वीं बार है, जब इंदौर (मध्य प्रदेश) को यह खिताब मिला है, जबकि, स्वच्छता के मामले में दूसरे नंबर पर सूरत (गुजरात) और नवी मुंबई (महाराष्ट्र) तीसरे नंबर पर रहा है।
इस तरह से उत्तराखंड में 62 वीं रैंक के साथ देहरादून पहले पायदान और रुद्रपुर दूसरे पायदान पर है, जबकि, हरिद्वार की 363 वीं रैंक आई, हल्द्वानी की रैंकिंग 291 वीं आई है, जो पिछली बार 237 थी, हल्द्वानी की रैंकिंग में 54 अंकों की गिरावट आई है, जो बताता है कि स्वच्छता को लेकर ठोस काम नहीं हुए हैं।
कोटद्वार की 232, पिथौरागढ़ की 177 और अल्मोड़ा की 907 वीं रैंक आई है, उत्तराखंड में अल्मोड़ा की सबसे खराब रैंक आई है, जबकि, टॉप परफॉर्मर में लालकुआं नगर पंचायत रही, लालकुआं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया, कुल मिलाकर लालकुआं नगर पंचायत ने बढ़िया काम किया है, अगर देश के टॉप टेन में पहुंचना है तो सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों को पसीना बहाना होगा।
देहरादून नगर निगम की यह उपलब्धि शहरवासियों, सफाई कर्मचारियों, स्वच्छता स्वयंसेवकों और निगम प्रशासन के सामूहिक प्रयास का परिणाम है, निगम की ओर से घर-घर कचरा संग्रहण, जन जागरूकता अभियान, साफ-सफाई व्यवस्था में तकनीकी नवाचार और सतत निगरानी जैसे कदमों से इस सफलता को हासिल किया है।