देहरादून में धामी सरकार ने ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ अभियान को और अधिक सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक में इस संबंध में कई अहम निर्णय लिए गए।
सभी जिलों में निरीक्षण टीम गठित की जाएंगी। हर नशा मुक्ति केंद्र की गहन जांच होगी और जो संस्थान पंजीकरण के बिना या निर्धारित मानकों के विपरीत संचालित होते मिलेंगे, उन पर आर्थिक दंड सहित तत्काल बंदी की कार्रवाई की जाएगी।
सचिवालय में आयोजित बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ‘नशा मुक्त उत्तराखंड’ एक नीतिगत योजना से आगे बढ़कर जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल केंद्रों पर अंकुश लगाना नहीं, बल्कि समाज को जागरूक कर नशे की प्रवृत्तियों को जड़ से समाप्त करना है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि ग्राम स्तर से लेकर शहरी क्षेत्रों तक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए।
आम जनता से भी अपील की गई कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध या अवैध केंद्र की जानकारी प्रशासन को दें और अभियान का हिस्सा बनें। इस दौरान स्वास्थ्य महानिदेशक डा. सुनीता टम्टा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. शिखा जंगपांगी, संयुक्त निदेशक डा. सुमित बरमन, सहायक निदेशक डा. पंकज सिंह सहित प्राधिकरण और संबंधित विभागों के कई अधिकारी उपस्थित रहे।