केदारघाटी में बुधवार रात को हुई मूसलाधार बारिश ने केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग के समीप रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। पहाड़ी टूटने से यह मार्ग अवरुद्ध हो गया, वहीं मुनकटिया के पास भी हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण बृहस्पतिवार को दिनभर पैदल यात्रा ठप रही। इस दौरान केदारनाथ दर्शन कर वापस लौट रहे 1269 यात्रियों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस ने रस्सी के सहारे सुरक्षित रेस्क्यू किया।
पिछले कई दिनों से केदारघाटी क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। बुधवार देर रात भी क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिससे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग-मुनकटिया के बीच दो स्थानों पर बाधित हो गया। यह पूरा क्षेत्र भूस्खलन की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है।
बुधवार रात सोनप्रयाग में एक्रो पुल से लगभग 500 मीटर आगे पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूट गया, जिससे हाईवे पर भारी मलबा और बोल्डर जमा हो गए। वहीं, कुछ ही आगे मुनकटिया में भी हाईवे क्षतिग्रस्त हो गया था। इस समस्या के चलते बृहस्पतिवार को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए पैदल यात्रा भी संभव नहीं हो पाई।
हाईवे के बंद होने पर एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा मलबा हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर और मलबा गिरता रहा, जिससे काम में बाधा आई। सुरक्षा के मद्देनजर, प्रशासन और पुलिस ने सोनप्रयाग से किसी भी यात्री को केदारनाथ के लिए आगे नहीं बढ़ने दिया।
दूसरी ओर, केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की अलग-अलग टीमें गठित की गईं। इन टीमों ने पहाड़ी रास्ते से रस्सी के सहारे यात्रियों को सुरक्षित निकाला। यह रेस्क्यू अभियान एक संवेदनशील अस्थायी पगडंडी से किया गया।