अल्मोड़ा,नगर क्षेत्र में बढ़ती वन्यजीव संबंधी समस्याओं को लेकर आज समस्त पार्षदगण ने डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) से एक महत्वपूर्ण और सार्थक बैठक की। बैठक में नगरवासियों की सुरक्षा, जनजीवन की शांति एवं पर्यावरणीय संतुलन के मद्देनज़र तीन प्रमुख बिंदुओं पर गंभीर चर्चा की गई।
बंदरों की बढ़ती संख्या और आक्रामकता, नगर क्षेत्र में बंदरों की बढ़ती संख्या एवं उनके आक्रामक व्यवहार से आमजन त्रस्त हैं। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पार्षदगण ने मांग की कि बंदरों की तत्काल पकड़-धकड़, नसबंदी एवं पुनर्वास योजना को अमल में लाया जाए, ताकि यह संकट जल्द दूर हो।
तेंदुए के खतरे को लेकर सुरक्षा उपाय, जंगल से सटे क्षेत्रों में तेंदुए की आमद बढ़ने से लोगों में भय व्याप्त है। कई बार तेंदुए घरों के पास तक देखे गए हैं, जिससे बच्चों और पशुओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। पार्षदों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए प्रभावी व सुरक्षित जाल की व्यवस्था एवं गश्त बढ़ाने की मांग रखी।
जंगली सूअरों से फसलों व नागरिकों को नुकसान, जंगली सूअरों द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाना और बस्तियों में घुसपैठ करना आम हो गया है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में है। पार्षदों ने वन विभाग से इन पर तत्काल नियंत्रण व निगरानी के उपाय लागू करने की मांग की।
पार्षदगणों ने एकजुट होकर यह स्पष्ट किया कि वे नगरवासियों की सुरक्षा और राहत के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। यह बैठक एक संयुक्त पहल थी जो नगर क्षेत्र की जमीनी समस्याओं को उठाने और हल निकालने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है। नगर के निवासियों को इस बैठक से काफी उम्मीदें हैं और आशा की जा रही है कि आने वाले समय में वन्यजीवों से संबंधित समस्याओं में कमी आएगी। ज्ञापन देने मे पार्षद मधु बिष्ट,वैभव पांडे,इन्तेखाब कुरैशी,वंदना वर्मा, कुलदीप सिंह मेर, जानकी पांडे, भूपेंद्र जोशी, चंचल दुर्गापाल, गुंजन चमयाल आदि लोग मौजूद रहे।